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तुलसी के फायदे और नुकसान, श्री तुलसी का उपयोग कैसे करें ? Benefits of Tulsi in Hindi पूरी जानकारी जानें यहाँ से

दोस्तों क्या आप जानते है तुलसी महत्त्वपूर्ण क्यों है ? श्री तुलसी का उपयोग कैसे करें, तुलसी खाने के फायदे और नुकसान, तुलसी को आयुर्वेद की दुनिया में महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है? तथा तुलसी कितने प्रकार की प्रजाति होती है। अगर आप इन बातों से अनजान है तो आईए इस आर्टिकल में तुलसी को महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है, विस्तार से जानते है दोस्तों इस लेख में तुलसी के बारे में पूरी जानकारी दी गई है इसलिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपके मन में आने वाले सभी प्रश्न का उत्तर इसी आर्टिकल में मिल जाएं। 

तुलसी को आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है क्योंकि आयुर्वेद की दुनिया में तुलसी के बराबरी में कोई भी नहीं है जो तुलसी की तुलना कर सके, तुलसी को हर प्रकार के बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है मानो की तुलसी रामबाण औषधि है जिसे जुकाम, खांसी, दमा, हृदय रोग, स्मरण शक्ति, खून की कमी जैसे रोगों में बहुत ही फायदेमंद औषधि है। तुलसी को एलोपैथिक, हेम्योपैथिक, तथा यूनानी दवायों में भी इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि तुलसी में विटामिन और खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसीलिए आयुर्वेद की दुनिया में  तुलसी को बहुत-ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है, तो चलिए जानते है तुलसी महत्त्वपूर्ण क्यों है। 

तुलसी महत्त्वपूर्ण क्यों है ?

पौराणिक मान्यता के अनुसार तुलसी का एक ऐसा पौधा है जिसे हिंदू परिवारों के घरों में तुलसी का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिन्हें हिंदुओं ने अपने घरों के आंगन में तुलसी को पूजनीय माना है।  मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी की पूजा होती है उन घरों में ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है अर्थात् जिन घरों में ईश्वर की कृपा होगी, उन घरों में सुख-समृद्धि की कमी कभी नहीं होगी। कहते हैं कि घर में तुलसी की पूजा करने से नकारात्मक चीजें दूर रहती है। इसलिए तुलसी (Basil) को महत्त्वपूर्ण माना जाता है। पूजा करते समय भगवान के भोग में तुलसी के बिना पूजा अधूरा माना जाता है। दोस्तों तुलसी को खासकर कार्तिक मास में हिंदू परिवार तुलसी को दीपक से प्रतिदिन आरती करते हैं। इस प्रकार कार्तिक महीना में तुलसी का विशेष महत्व माना जाता है इसलिए हिंदुओं ने घर के आंगन में तुलसी की पूजा करते हैं तुलसी के पौधों को हम सभी जानते भी हैं शायद पहचानते भी हैं लेकिन क्या आप जानते हैं तुलसी महत्व के साथ-साथ कितना उपयोगी है आइए इस आर्टिकल में तुलसी के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

तुलसी कितने प्रकार की प्रजाति पाई जाती है ? 

दोस्तों ऐसे तो पूरी दुनिया में तुलसी कि कई प्रकार की प्रजाति पाई जाती है लेकिन भारत में लगभग सभी जगहों पर ज्यादातर तीन प्रकार के तुलसी की प्रधान प्रजाति पाई जाती है रामा (श्री) तुलसी, श्यामा (कृष्णा) तुलसी तथा वन तुलसी। रामा (श्री) तुलसी लगभग हर जगहों पर आसानी से मिल जाती है इसके पत्तियां हरे रंग की होती है तथा टहनियाँ तथा शाखाएं श्वेत रंग की होती है जबकि श्यामा (कृष्णा) तुलसी की पत्तियां नीले रंग की होती है तथा टहनियाँ और शाखाएं कृष्ण रंग की होती है इसे पूजा में अधिक प्रयोग किया जाता है रामा तुलसी की तुलना में श्यामा तुलसी का महत्व अधिक माना गया है तीसरे प्रजाति की वन तुलसी की टहनियाँ, शाखाएं तथा पत्तियां गहरे हरे रंग की होती है। 

श्री तुलसी का उपयोग कैसे करें,

तुलसी के चार से पांच पत्तों को एक पात्र में धोकर रातों में भिंगोकर छोड़ दे सुबह होने पर तुलसी पत्तों को खाली पेट पानी के साथ निगल जाएं अगर आप ऐसा नहीं कर सकते है तो आप इसे उबाल करके पानी पी सकते है।

तुलसी खाने के महत्वपूर्ण फायदे

भारतीय सांस्कृतिक में तुलसी के पौधों को धार्मिक पूजा में जितना महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है उतना ही आयुर्वेद में भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। तुलसी को आयुर्वेद में औषधियों से भरपूर गुणकारी औषधि पौधा माना जाता है। तुलसी को कई प्रकार के रोगों में इस्तेमाल किया जाता है इसलिए आयुर्वेद में तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है तुलसी एक ऐसा औषधि है जो अधिकतर रोगों में  इस्तेमाल किया जाता है जैसे ; सर्दी-जुकाम, खांसी, श्वास संबंधी बीमारियों के लिए बहुत ही कारगर सिद्ध होती है। तुलसी में  विटामिन तथा खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, मुख्यत: रूप से विटामिन, कैल्सियम, आयरन, जिंक और क्लोरोफिल इसमें पाया जाता है तुलसी में इन सभी के अलावा सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड पाया जाता है तथा इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व है जो पेट से जुड़े समस्याओ को दूर करता है जैसे; पेट में जलन, पाचनक्रिया, एसिडिटी। जो हर प्रकार के रोगों में लाभदायक है तो आईए तुलसी के पौधों के बारे में विस्तार से जानते है। 

1. आज के समय में काफी भाग-दौड़ के कारण टेंसन की समस्या बहुत काफी होती है ऐसे में तुलसी के पत्ता का सेवन करने से लाभकारी सिद्ध होगी क्योंकि इसमे एंटीस्ट्रेट गुण पाया जाता है जिससे आप आराम पा सकते है।  
2. तुलसी के पत्तों के साथ फिटकरी मिलाकर चोट लगने से होने वाले घावों पर लगाने से तुरंत लाभदायक होगा क्योंकि तुलसी में एंटी बैक्टीरियल तत्व पाया जाता है जिसके कारण घावों को पकने से रोकता है तथा ठीक होने में मदद करता है। घावों पर तुलसी के पत्तों के साथ तेल में मिलाकर लगाने से जलन नहीं होती है क्योंकि तुलसी में एंटी स्ट्रेट, एंटीडिप्रेसेंट एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते है। 3.  सर्दी-खांसी, जुकाम में बहुत लाभदायक है तुलसी के पत्तों के साथ काली मिर्च को काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है क्योंकि तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
4. अगर आपको पाचन क्रिया में परेशानी होती है तो आप तुलसी का सेवन कर सकते है इस के सेवन से एसिडिटी समस्या को दूर करता है इसके साथ-ही-साथ तुलसी शरीर के पीएच लेवल को भी ठीक रखता है । 
5. सुबह-सुबह रोज आप तुलसी के पत्तों को खाते है तो श्वास से आनेवाले बदबू को भी ठीक करता है क्योंकि तुलसी मुंह के बैक्टीरिया को समाप्त कर देता है जिससे मुंह से आनेवाले बदबू  की समस्या को दूर करता है। 
6. तुलसी के बीज का सेवन करने से पुरुषों को बहुत लाभदायक है जैसे शरीरिक कमजोरी, यौन-दुर्बलता, इन सभी में तुलसी लाभकारी है।

तुलसी को चबाकर खाने से हो सकते है नुकसान  

आप इसे भूलकर कभी भी चबाने की ऐसी गलती न करें, अधिकतर लोग तुलसी (Basil) के पत्तों को चबाकर खाते है क्योंकि तुलसी के पत्तों में एक प्रकार का पदार्थ (मर्करी) पाया जाता है जो कि हमारे दांतों की सेहत के लिए ठीक नहीं है इसे तुलसी के पत्तों को चबाकर सेवन करने से दांतों को हानिकारक हो सकता है।
दोस्तों इस आर्टिकल में तुलसी महत्त्वपूर्ण क्यों है ? श्री तुलसी का उपयोग कैसे करें, तुलसी खाने के फायदे और नुकसान, तुलसी को आयुर्वेद की दुनिया में महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है तथा तुलसी कितने प्रकार की प्रजाति होती है। दोस्तों इस आर्टिकल में दिए गए जानकारी आपको जरूर अच्छा लगा होगा अगर आपको अच्छा लगा तो आप जरूर-से-जरूर शेयर करें, इसी तरह आगे भी हम नई-नई जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से आपको देते रहेंगे। 
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